शनिवार, 3 सितंबर 2011

आत्म सुधार की कोशिश हो .

अन्ना महोदय के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के बाद अब सरकार अपना अन्ना विरोधी अभियान चला रहीहै ।
सरकार यह भूल रही है कि अन्ना भारत के दूसरे गाँधी हैं । और स्वतंत्र भारत के पहले गाँधी । जनता इसे माफ़ नहीं करेगी । सरकार को सुधार की मुहिम सरकार से आरंभ करनी चाहिए । यदि कांग्रेस चाहती है कि तीसरी बार सत्ता मिले तो उसे अन्ना और अन्ना के भ्रष्टाचार विरोधी जन लोक पाल बिल का सहर्ष स्वागत करना चाहिए । यदि सरकार बदले की भावना से काम करेगी तो मौजूदा सांसदों का दुबारा जीत कर आना मुश्किल होगा ।
सरकार जनता की प्रतिनिधि की तरह काम करे । राज शाही की तरह नहीं । अन्ना के खिलाफ लगातार अनुचित टिप्पणियां करने वाले सरकार के मंत्री और सांसद जनता के बीच सरकार की छवि धूमिल करने का काम कर रहे हैं ।


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