सोमवार, 1 फ़रवरी 2010

सार में सारस

अभी-अभी अल्मोड़ा से लौटा हूँ । मासी पहुँच कर देखा कि ढलती सांझ में हरी -भरी सार के ऊपर सारसों का झुण्ड उड़ रहा है । वाह ! अद्भुत !
साथ में समयांतर ले कर गया था । कुछ देखा । अखबार देखा कि मुंबई में शाहरुख़ खान के घर पर भाषाई तालिबानों का हमला हुआ । लानत है इन्हें । आखिर बाल ठाकरे और राज ठाकरे इस देश को क्या बनाना चाहते हैं ? यह तो बहुत ही घटिया और गटर लेबल की राजनीति हुई । इन दोनों की देश विरोधी हरकतों पर तत्काल पावंदी लगनी चाहिए । अगर इन्हें ढील दी गई तो यह कोढ़ कल पूरे देश में फैलेगा । तब सरकार के आगे बड़ी समस्या खड़ी हो जायगी .मुंबई और ऑस्ट्रेलिया की घटनाओं में फर्क क्या रहा ?
-सारा भारत एक है । इस विचार को ताकत मिलनी चाहिए ।

  विश्व में युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहे।  रूस - यूक्रेन/नाटो  , हमास -  इज़राइल , हिज़्बुल्ला - इज़राईल, ईरान -इज़राईल  के सर्वनाशी युद्धों के...