अभी-अभी अल्मोड़ा से लौटा हूँ । मासी पहुँच कर देखा कि ढलती सांझ में हरी -भरी सार के ऊपर सारसों का झुण्ड उड़ रहा है । वाह ! अद्भुत !
साथ में समयांतर ले कर गया था । कुछ देखा । अखबार देखा कि मुंबई में शाहरुख़ खान के घर पर भाषाई तालिबानों का हमला हुआ । लानत है इन्हें । आखिर बाल ठाकरे और राज ठाकरे इस देश को क्या बनाना चाहते हैं ? यह तो बहुत ही घटिया और गटर लेबल की राजनीति हुई । इन दोनों की देश विरोधी हरकतों पर तत्काल पावंदी लगनी चाहिए । अगर इन्हें ढील दी गई तो यह कोढ़ कल पूरे देश में फैलेगा । तब सरकार के आगे बड़ी समस्या खड़ी हो जायगी .मुंबई और ऑस्ट्रेलिया की घटनाओं में फर्क क्या रहा ?
-सारा भारत एक है । इस विचार को ताकत मिलनी चाहिए ।
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
विश्व में युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहे। रूस - यूक्रेन/नाटो , हमास - इज़राइल , हिज़्बुल्ला - इज़राईल, ईरान -इज़राईल के सर्वनाशी युद्धों के...
-
आज बुरी तरह थक गया हूँ । या बुखार आने वाला है । लेकिन सोऊंगा तो ब्लॉग लिखकर ही । कल मैंने लिखा था कि किसान को आर्थिक सुरक्षा देनी होगी । तभी...
-
महंगाई भले ही अरबपति मुख्यमंत्रियों /करोडपति मंत्रियों /उद्योगपतियों /नौकरशाहों /बड़े व्यापारियों के लिए कोई मायने नहीं रखती हो लेकिन बेरोज...
-
बारिश की कमी से किसानों की परेशानी साफ़ दिखने लगी है. यानि फसल तो प्रभावित होगी ही साथ ही पानी की भी किल्लत बनी रहेगी। किसान यानि पहाड़ी ग्...