गौरैये की चहचाहट से नीद खुली , बाहर देखा ,सुबह बहुत ही मन भावन थी ,
पिछली वारिश से ठण्ड लौट आयी है . और मौसम का सुहानापन भी . लग ही नहीं रहा है क़ि अप्रैल आ गया है .
यदि इसी प्रकार मौसम बना रहा तो जंगलों में आग लगने की घटनाओं में थोडा कमी होगी .
और गधेरों में पानी बना रहेगा .मनुष्यों और जंगली जानवरों के लिए पानी की परेशानी नहीं होगी .
जंगलों में नए पौंधों को पनपने का अवसर मिलेगा .वर्ना हर साल लगने वाली आग से नए पौंधों को पनपने का अवसर नहीं मिल पा रहा था . और जंगलों का विकास रुक गया था . महत्वपूर्ण जड़ी बूटियों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया था .
इस साल की बारिश की निरंतरता ने लोगों में उम्मीद जगा दी है .
पिछली वारिश से ठण्ड लौट आयी है . और मौसम का सुहानापन भी . लग ही नहीं रहा है क़ि अप्रैल आ गया है .
यदि इसी प्रकार मौसम बना रहा तो जंगलों में आग लगने की घटनाओं में थोडा कमी होगी .
और गधेरों में पानी बना रहेगा .मनुष्यों और जंगली जानवरों के लिए पानी की परेशानी नहीं होगी .
जंगलों में नए पौंधों को पनपने का अवसर मिलेगा .वर्ना हर साल लगने वाली आग से नए पौंधों को पनपने का अवसर नहीं मिल पा रहा था . और जंगलों का विकास रुक गया था . महत्वपूर्ण जड़ी बूटियों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया था .
इस साल की बारिश की निरंतरता ने लोगों में उम्मीद जगा दी है .