सोमवार, 24 मार्च 2025

मूचा विश्व युद्धों के चक्रव्यूह से निकल नहीं पा  रहा है।  दुनियां के शांतिप्रिय नेताओं के सारे प्रयास निष्फल होते दिख रहे हैं. अंधाधुंध बमबारी झेलना लोगों की दिनचर्या बन गई है।  कब कौन कहाँ बम का शिकार हो जाय कोई नहीं जानता।  सब एक दूसरे से विदा लिए हुए हैं, जीवन के प्रति संवेदनाएं, भावनाएं लुप्त हो गई हैं.. यह  त्रासदी हृदय विदारक है।  लोग हैं जो अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहें। कब कौन कहाँ अचानक धमाके के साथ ही चीथड़ों में बदल जाय कुछ कहा नहीं जा सकता। 
तानाशाहों को अपनी सेनाओं और संहारक अस्त्र शस्त्रों , मिसाइलों  बमवर्षकों पर भरोसा है। कि सेनाएं सब कुछ समाप्त कर सकती हैं।  युद्ध एक विनाशकारी धुन है. 

युद्ध  और आतंकवाद से दुनियां के आम नागरिक भयातुर हैं, 

  विश्व में युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहे।  रूस - यूक्रेन/नाटो  , हमास -  इज़राइल , हिज़्बुल्ला - इज़राईल, ईरान -इज़राईल  के सर्वनाशी युद्धों के...