बुधवार, 12 अगस्त 2009
दिन पूरी तरह व्यस्त रहा । संस्था के कार्य से ग्राम कल्छिपा व सीमा गया । कल की वारिश से लोगों मैं थोडा उम्मीद जगी है कि अभी भी हरियाली होगी और घास की समस्या हल होगी । दोपहर की धूप मैं जंगलों के बीच से गुजरते हुए बहुत अच्छा लगा लेकिन लगा की इन चीड़ के दरख्तों के बीच बांज और देवदार भी लगा होना चाहिए शाम के वक़्त गाड़ी लेकर उत्तमसानी तक गया रास्ते मैं नौबाडा से आगे जाने पर टायर फट गया टायर बदल कर लौट रहा था तो पट्टा टूट गया । बहुत परेशान किया आज गाड़ी ने । घर आते-आते बुरी तरह थक चुका था । उमा ने चाय बना कर दी । खाना खा कर कुछ देर कंप्युटर पर काम किया । सोते- सोते दस बज चुके थे।
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