मंगलवार, 12 अप्रैल 2011

सुबह से इंतज़ार कर रहा हूँ कि कब बारिश हो । लेकिन बादलों को तो जैसे बूंदें गिराने में डर लग रहा है ।
इस मौसम में बारिश चाहिए ।
गधेरे/श्रोत /नदियाँ सूखने के कगार पर हैं । फसल को बारिश का इंतज़ार है । फूलों को भी अपने रंग बिखेरने के लिए बारिश चाहिए ।
बारिश में ही तन और मन भी भीगेगा ।
भीतर कहीं एक आग भी लगेगी ।

  विश्व में युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहे।  रूस - यूक्रेन/नाटो  , हमास -  इज़राइल , हिज़्बुल्ला - इज़राईल, ईरान -इज़राईल  के सर्वनाशी युद्धों के...