शनिवार, 27 मार्च 2010

दिन भर बहुत व्यस्त रहा । एक नया ब्लॉग जागरण जंक्शन पर बनाया है । उसे सुबह लिखता हूँ । और इस ब्लॉग को शाम को लिखता हूँ । दिन में अन्य कार्य । गर्मी जल्दी शुरू हो गई है । दिन में देख रहा था कि रामगंगा नदी में पानी अब एक घराट के बराबर रह गया है । यह चिंता का विषय है । कि इस नदी में पानी कैसे बढेगा या इस नदी के पानी का विकल्प क्या होगा । यदि जल्द वर्षा नहीं हुई तो पीने के पानी का विकल्प क्या होगा । पानी यहाँ अब एक समस्या बनता जा रहा है । क्योंकि वारिश कम होने के कारण नया पानी नहीं मिल पायेगा जिससे कि श्रोत फूट पड़ते और चातुर्मास तक पानी मिल जाता । पिछली बार चातुर्मास में भी वारिश बहुत कम हुई थी जिस कारण गधेरों में पानी नहीं रहा । रही- सही कसर जंगलों में लगाने वाली आग ने पूरी कर दी । पहाड़ों के लिए अलग जल संरक्षण नीति बना कर तुरंत लागू करनी चाहिए ।

  विश्व में युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहे।  रूस - यूक्रेन/नाटो  , हमास -  इज़राइल , हिज़्बुल्ला - इज़राईल, ईरान -इज़राईल  के सर्वनाशी युद्धों के...