सोमवार, 5 मार्च 2012

Abhinav Gatha: सुबह का उगता सूरज  दिन की कथा के शीर्षक की तरह है...

Abhinav Gatha: सुबह का उगता सूरज दिन की कथा के शीर्षक की तरह है...: सुबह का उगता सूरज दिन की कथा के शीर्षक की तरह है . इसलिए जरुरी है कि सुबह अच्छी हो . आशावादी हो दिन की कथा का शीर्षक . एक सुखद संगीत प...
सुबह का उगता सूरज  दिन की कथा के शीर्षक की तरह है .
इसलिए जरुरी है कि सुबह अच्छी हो . आशावादी हो दिन की कथा का शीर्षक .

एक सुखद संगीत पूरे दिन मन में गूंजता  रहे .

सपने हों आँखों में .
अंतर्मन में हो प्यास प्रेम की .

लेकिन यह सब होने के लिए क्या हम अपने चारों ओर के मानवीय और पर्यावरणीय वातावरण के प्रति संवेदनशील हैं?
हमने सहनशीलता खो दी है . धैर्य खो दिया है और दूसरों के लिए जीवन दूभर बनाते जा रहे हैं .दूसरों में वे सब जो प्रकृति के जीव हैं .जो प्राण हैं . उनमें स्वयं हम भी हैं . प्रकृति के साथ हमारा व्यवहार बहुत ही अमर्यादित होता जा रहा है.

हर क्षण धरती पर फटने वाले बमों / परमाणु युद्धों के इस दौर में  प्राकृतिक हितों की बात करना बेमानी है. महाशक्तियां तो  सब कुछ ख़त्म कर देना चाहती हैं .खुद को भी .

फिर भी एक चींटी की तरह  प्रयास तो किया जा सकता है . कि धरती में जीवन सभी के लिए  सुगम बने .
 


 

  विश्व में युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहे।  रूस - यूक्रेन/नाटो  , हमास -  इज़राइल , हिज़्बुल्ला - इज़राईल, ईरान -इज़राईल  के सर्वनाशी युद्धों के...