आज दिन बहुत थका देने वाला था । पहले गावं गया । वहां माईथान और धूणी मन्दिर मैं धूप बत्ती की । फिर वहाँ से लौटकर तिमिलखाल में आयोजित शहीद मोहन चंद्र शर्मा जी के पुण्य तिथि के दिन आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में श्रद्धा सुमन अर्पित करने गया । लौटकर फलाहार लिया । पहली नवरात्रि का व्रत लिया था ।
तिमिलखाल की चढाई देख कर बहुत आश्चर्य हुआ कि यहाँ लोगों कोअपने घर तक पहुचने के लिए पहाड़ चदनेमें बहुत परेशानी होती होगी रोजमर्रा के सामान ले जाने में तो और भी दिक्कत का सामना करना पड़ता होगा आज के इस समय में तो जबकि हर घर तक को सड़क मार्ग से जोड़ा जा रहा है यह गावं वंचित कैसे रह गया .तथा इससे ऊपर के गावों में तो और भी अधिक बुरा हाल होगा, यहाँ की आबोहवा बहुत अच्छी है ।
शनिवार, 19 सितंबर 2009
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