वारिश में दिन कमरे में ही बीता। कुछ देर रामगंगा नदी देखने गया .अपने पूरे उफान पर थी । देख कर सर चकरा रहा था । लौट कर अपने कमरे में बैठ गया
यह हरियाली,मौसम का यह रूप सहेज कर रखने लायक है
ऐसी बारिश समय समय पर होती रहे तो पहाड़ों में गर्मियों में पीने के पानी की परेशानी नहीं होगी और वातावरण भी स्वच्छ रहेगा ।
हमें इसके लिए अधिक से अधिक बांज ,उतीस ,देवदार बुरांश कंफल के पेड़ लगाने चाहिये।
शनिवार, 31 जुलाई 2010
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