रविवार, 27 दिसंबर 2009

मछलियाँ कहाँ गई ?

स्याल्दे से आते हुए देख रहा था कि रामगंगा नदी में जल स्तर बहुत कम हो गया है । यह गर्मियों के लिए अच्छा संकेत नहीं है । और इस तरफ किसी का भी ध्यान नहीं है । जाते समय केदार के पुल से देखा कि बड़ी -बड़ी मछलियाँ धूप सेंकते हुए तैर रहीं है । जबकि मासी क सांगू रो पुल के आस पास अब मछलियाँ दिखनी ही बंद हो गई है । मछुआरों ने कारतूस और महाजाल /फांस लगाकर लगभग सारी मछलियाँ मार डाली है। बहुत पहले ,मुझे अब भी याद है कि सांगू रौ में तो अनगिनत मछलियाँ और बड़ी-बड़ी मछलियाँ इसी तरह जाड़ों में धूप सेंकने आया करती थी और लोग बड़े चाव से इन्हें देखने आते थे । लोगों क शिकार खाने कि हवस ने इस प्राकृतिक मत्स्य विहार का खात्मा कर दिया है । जबकि केदार क बारे में मालूम हुआ कि यहाँ मछलियों क शिकार पर पाबन्दी है । तब मासी में इस तरह की पाबन्दी क्यों नहीं ?

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