मंगलवार, 18 अगस्त 2009

दिन मैं एक चक्कर चौखुटिया गया .चौखुटिया मासी के बीच सड़क की हालत बहुत ही ख़राब है सरकारी काम का आलम यह है की पिछले आठ सालों से बारह किलोमीटर की सड़क पर डामर नहीं हो पा रहा है लोग बहुत परेशान हैं । यदि किसी किमी पर काम हो रहा है तो इतना घटिया कि एक तरफ़ से बन रहा है तो आगे बढ़ने तक पीछे का बना हुआ टूट जा रहा है । मासी पहुँचने के बाद सुकून मिलता है कि ठीक- ठाक घर पहुँच गए ।
कुछ देर कंप्युटर पर काम किया । मेल देखी। शाम के समय बाज़ार गया, बंधू जी , चंदू भाई से होता हुआ श्री राजेंद्र सिंह जी के घर तक गया । वहाँ कुछ अन्य मित्र गण भी बैठे थे । इस वारिश से बहुत टूट-फूट हो गई है । किसीका मकान टूटा तो किसी के खेत की दीवाल टूटी
कहीं पहाड़ खिसक कर रोड पर आए तो किसी के मकान के ऊपर । कई जगह से मकान पर पहाडी से खिसक कर आए मलवे के नीचे लोगों के दब कर मरने के समाचार अखबारों में छपी है ।

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