शुक्रवार, 17 अप्रैल 2020

कोरोना के डर के मारे अपनी गुफा में हूँ।
और आजकल दूसरों को देखकर डर  लग रहा है। कोई किसी का मित्र नहीं।  वैसे यह एक सुखद  एकांतवास है।  ध्यान के लिए इससे उत्तम अवसर दुबारा मिलना कठिन है। 

आजकल स्वयं का  अध्ययन कर रहा  हूँ।  अपने पुराने धरम - कर्म, सब  याद आ रहे हैं।  कभी सोचता हूँ कि प्रत्येक दिन एक  पृष्ठ लिखूं कभी लगता है कि अपना अतीत पढ़ लेना चाहिए। कभी भविष्य के दरवाजे पर दस्तक देता हूँ। 

  विश्व में युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहे।  रूस - यूक्रेन/नाटो  , हमास -  इज़राइल , हिज़्बुल्ला - इज़राईल, ईरान -इज़राईल  के सर्वनाशी युद्धों के...