बरसात की आमद काफी सुखद रही। हम प्राकृतिक हितों की फिक्र करें या न करें लेकिन प्रकृति को फ़िक्र है. प्रकृति तो अपने साथ हुए अन्याय का क्रूरता के साथ जवाब भी देती है. यह अंधाधुंध तरीके से प्राकृतिक संसाधनों के खनन में लगी सरकारों व नेताओं को ध्यान में रखना होगा।
वर्ना भयंकर प्राकृतिक आपदाओं को झलने के लिए हमें तैयार रहना होगा और इसकी जिम्मेदारी तय करनी होगी .
वर्ना भयंकर प्राकृतिक आपदाओं को झलने के लिए हमें तैयार रहना होगा और इसकी जिम्मेदारी तय करनी होगी .
Nice... Bhut achaa likha h apne
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