विश्व में युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहे। रूस - यूक्रेन/नाटो , हमास - इज़राइल , हिज़्बुल्ला - इज़राईल, ईरान -इज़राईल के सर्वनाशी युद्धों के साथ -साथ एक छोटी - सी झलक भारत और पाकिस्तान की भी देखने को मिली इसके साथ ही कम्बोडिया थाईलैंड और भी कई देश युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं. हर ओर भयंकर विनाश का तांडव देखने को मिल रहा है। शांति के लिए बोलने वालों की आवाज हवा में घुल कर लुप्त हो जा रही है. विनाशक हथियारों , परमाणु अस्त्रों के दम्भ में कोई देश किसी की सुनाने को तैयार नहीं है. राष्ट्रों को युद्धों की आग में झोंकने वाले तानाशाह, आतंकवाद के पोषक राष्ट्रों के क्रूर और निर्मम शासक अज्ञात जगहों पर अपने बंकरों में छुपे मौज कर सिर्फ बमबारी के आदेश दे रहे हैं. मरने वालों का कोई आंकड़ा नहीं है। भूख ,विस्थापन ,भय यह सब आम नागरिकों के लिए दैनिक जीवन का एक हिस्सा बन चुका है. निर्दोष जनता और निर्दोष सैनिकों को विनाशक हथियारों की आग में झोंका जा रहा है. और यह सब तानाशाहों के सत्ता की हवस के सिवाय कुछ नहीं है.
विश्व के सभी जागरूक नागरिक प्रकृति, समस्त प्राणी ,पर्यावरण एवं मानवता के पक्ष में युद्धों के विरुद्ध अपनी आवाज तेज करें। युद्धों का विरोध करें।